क्यों है? बच्चों के प्यारे गणेश जी
हिन्दू सभ्यता में कई देवी-देवता है भगवान श्री गणेश उनमे बहुत ही मानी जाते है. श्री गणेश जी की कहानियां या उनके विषय में बच्चे जानना बहुत पसंद करते है श्री गणेश भगवान का रूप देखते ही बच्चे खुश हो जाते है.
शिव जी और माता पार्वती के पहले पुत्र है भगवान श्री गणेश ये हिन्दू सभ्यता के अनुसार सबसे पहले नाम से पूजे जाते है. एक बार की बात है सभी देवता बहुत ही मुश्किल में थे. सभी देवगन शिव जी के शरण में गए और अपनी मुश्किलों को हल करने की प्राथना की उस समय भगवान शिव जी के साथ गणेश और कार्तिक के भी साथ बैठे थे।
किस कारण शिव जी ने प्रतियोगिता रखी ?
देवता की मुश्किल को देखकर शिव जी ने गणेश और कार्तिक से प्रसन्न पूछा तुम में से कौन देवताओ की मुश्किलो को हल करेगा और उसकी मदद करेगा जब दोनों भाई मदद के लिए तैयार हो गए तो शिव जी ने उनके सामने एक प्रतियोगिता रखी इस प्रतियोगीता के अनुसार दोनों भाईयों में से जो सबसे पहले पृथ्वी की परिक्रमा कर के लौटेगा वही देवताओ की मुश्किल हल करेगा।
जैसे ही शिव जी ने ये बात कही कार्तिक अपनी सवारी मोर पर बैठकर परिक्रमा के लिए चल पड़े परन्तु गणेश जी अपने जगह पर खड़े हो गए और सोचने लगे की वह मुहशक की मदद से पुरे पृथ्वी का चककर कैसे लगा सकते है, उस समय उनके मन में आया वे अपने पिता शिव जी और माता पार्वती के पास गए और उनकी सात बार परिक्रमा कर के अपनी जगह पर खड़ा हो गए।
कुछ समय बाद कार्तिक जी पृथ्वी का पूरा चककर लगा कर वापस पहुंचे और स्वयं को विजेता कहने लगे. तभी शिव जी ने गणेश जी की और देखा और उनसे प्रसन्न किया क्यों गणेश तुम क्यों पृथ्वी की परिक्रमा करने नहीं गए तभी गणेश जी ने उत्तर दिया माता-पिता में तो पूरा संसार बसा है चाहे में पृथ्वी की परिकर्मा करू या अपनी माता-पिता की एक है.
गणेश चतुर्थी क्यों मनाया जाता है?
ये सुनकर शिव जी बहुत खुश हो गए और उन्होंने कह दिया की गणेश जी को सभी देवी-देवताओं के मुश्किलों को दूर करने की आज्ञा दी. साथ ही शिव जी ने ये भी आशीर्वाद दिया की कृष्ण पक्ष के चतुर्थी में जो भी व्यक्ति तुम्हारी पूजा और व्रत करेगा उसकी सभी दुःख दूर होंगे। और भौतिक सुखो की प्राप्ति होगी। इसलिए हम सभी गणेश चतुर्थी की व्रत मानते है.
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