नमस्कार आप सभी लोगों का स्वागत है ग्रह गोचर में आज हम जानकारी देंगे की रामनवमी क्यों मनाया जाता है? और इस जानकारी से आपको बहुत कुछ जानने को मिलेंगी, तो आइए जान लेते है की रामनवमी की सम्पूर्ण जानकारी
रामनवमी का त्यौहार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाया जाता है। धर्म शास्त्रों के अनुसार इस दिन भगवान श्री राम जी का जन्म हुआ था. रामनवमी का त्यौहार विष्णु के अवतार में भगवान श्री राम जी के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है श्री राम जी का जन्म त्रेतायुग में हुआ था. जिसका वर्णन आज भी आदिकाव्य एवं वाल्मिकी में भी उपलब्ध है.
यज्ञ समाप्ति के पश्चात जब छः ऋतुऍ बीत गयी, तब बारहवें मास में चैत्र के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि में, पुर्नवसु नक्षत्र में एवं कर्क लग्र में, कौशल्या देवी ने दिव्य लक्षणों से युक्त, सर्वलोकवंदनीय जगदीश्वर श्री राम को जन्म दिया। उस समय पांच ग्रह ( सूर्य, मंगल, शनि, गुरु और शुक्र ) अपनी उच्च स्थान में थे.
रामनवमी कैसे मनाई जाती है?
रामनवमी की त्यौहार पुरे भारत वर्ष में धूम-धाम से मनाई जाती है और यह त्यौहार हिन्दू कैलेंडर के अनुसार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाया जाता है। जिसने जिस रूप में जिस भाव में श्री राम का ध्यान किया उसी प्रकार पूजा-स्तुति की विधि एवं परंपरा चली आ रही है प्राय कुछ लोग पूजा, व्रत, हवन, दान आदि करते है. और रामनवमी के दिन हिन्दू लोग श्री रामचरितमानस की कांड पढ़ते है एवं भजन कीर्तन करते है.
क्यों हम रामनवमी मनाये?
सनातन धर्म में प्राय यही देखा गया है की केवल भगवान एवं उनके संतो का जन्मदिवस मनाया जाता है. परन्तु ऐसा क्यों, ऐसा इसलिए क्योकि जब हम संसार में किसी के जन्म उत्सव पर जाते है तो हम यह सोचते है की वह हमारा क्या लगता है, वह कौन है, उनसे हमारे जीवन में महत्व है की नहीं, यह सब हम सोचते है तब जाते है और तब जन्मदिवस मानते है.
अतः हम रामनवमी के दिन राम जी की जन्मदिवस मनाये और भजन कीर्तन जरूर करे.
आशा और पूर्ण विश्वास है की रामनवमी की संपूर्ण जानकारी पसंद आई होगी। अतः आपसे निवदेन है की आप इस जानकारी को अपने मित्रों के साथ “SOCIAL MEDIA” पर जरूर शेयर करें।