( एक परिचय )
स्व० बाबू ठाकुर प्रसाद कैलेंडर जी गुप्त :
अधोगिक संस्थानों की समुरुती के संदर्भ में जिस प्रकार यशस्वी उद्योगपति के नाम अविश्मरणीय है, ठीक उसी प्रकार जान-साहित्य के प्रशस्त प्रकाशन से सम्बंधित विमल व्यवसाय में स्व० बाबू ठाकुर प्रसाद जी गुप्त का नाम शिक्षित-समुदाय के हर्दय-पटल पर अंकित है।
भोजपुरी भाषा के सरस प्रकाशन को जन-जन तक पहुंचाने का एक मात्र श्रेय बाबू साहब को ही है। इनके समान सम्पूर्ण भारत का कोई दूसरा भोजपुरी साहित्य का प्रकाशक दृष्टिगोचर नहीं होता। अत: इस संदर्भ में स्व० बाबू साहब को यदि भोजपुरी साहित्य का समुद्वारक खा जाये, तो संभवत: कोई अति-सयोशक्ति न होगी। व्यवाहारिकता, उदारता एवं सौजयन्ता की आप प्रतिमूर्ति ही थे।
Thakur Prasad Calendar 2021 – ठाकुर प्रसाद कैलेंडर 2021 :
आप इस कैलेंडर में जान सकते है की पुरे मास की तिथियां के नाम, राशि के राशिफल, पक्ष क्या है, सभी शुभ मुहूर्त जानें, त्यौहार एवं व्रत और महत्वपूर्ण जानकारियां दी गयी हैं, जो की आप ठाकुर प्रसाद कैलेंडर वाम हिन्दू पंचांग कैलेंडर में जान सकते है जो की भारत का सबसे पुराना पंचांग है, जो की भारत में ठाकुर प्रसाद कैलेंडर का प्रचलन काफी ज्यादा है जो की सभी जातियों, धर्म, के लोगो के द्वारा ख़रीदा जाता है।
विक्रम संवत के अनुसार बारह मासों के नाम इस प्रकार :
चैत्र (मेष राशी), बैसाख (वृषभ), जयेष्ट (मिथुन राशि), अषाढ़ ( कर्क राशी), श्रावण (सिंह),भाद्रपद (कन्या राशी), अश्विन (तुला राशी), कार्तिक (वृश्चिक), अगहन (धनु राशि), पौष (मकर राशि), माघ (कुंभ राशि), फाल्गुन (मीन राशि) इस प्रकार सभी महीने का नाम है।
पक्ष क्या है :
विक्रम संवत के हर मास ( चंद्रमास ) में दो पक्ष होते हैं –
( 1. ) शुकल पक्ष ( सुदी ) – अमावस्या के बाद प्रतिपदा से पूर्णिमा तक की तिथियां को शुकल पक्ष कहते है। यानी अमावस्या के बाद बढ़ता हुआ चन्द्रमा पूर्णिमा तक शुकल पक्ष का सूचक हैं।
( 2. ) कृष्ण पक्ष ( बदी ) – पूर्णिमा के बाद से अमावस्या तक की तिथियां को कृष्ण पक्ष कहते हैं। यानी पूर्णिमा के बाद घटता हुआ चन्द्रमा अमावस्या तक कृष्ण पक्ष को सूचक हैं।
ठाकुर प्रसाद पंचांग 2021 का पीडीएफ नीचे दिया गया है जो की आप CLICK HERE क्लिक कर के डाउनलोड कर सकते है।