नमस्कार दोस्तों आप सभी का स्वागत है ग्रह गोचर में आज हम इस लेख में बात करेंगे की हिन्दुओ का महान पर्व छठ पूजा क्यों मनाया जाता है और इसकी महत्वपूर्ण जानकारी तो आइए जानते है विस्तार से
छठ पूजा धूम-धाम से मनाए जाते है इन राज्यों में
उत्तरप्रदेश, बिहार और झारखण्ड में मनाए जाने वाला यह त्यौहार बेहद अहम पर्व है. जो पुरे देश में धूम-धाम से मनाया जाता है हिन्दू की सबसे बड़ी पर्व दिवाली को पर्व का मेला माना जाता है. पांच दिन तक चलने वाली यह पर्व सिर्फ भैया दूज तक ही सीमित नहीं है बल्कि यह पर्व छठ पूजा तक चलता है।
यह त्यौहार भारत देश के कई राज्यों में मनाया जाता है खासकर उत्तरप्रदेश, बिहार में मनाए जाने वाला यह पर्व हिन्दुओ की महत्वपूर्ण पर्व में से एक है. जो पुरे देश में धूम-धाम से मनाया जाता है. छठ केवल एक पर्व ही नहीं है बल्कि महापर्व है जो कुल 4 दिनों तक चलता है. नहाय खाय से लेकर उगते-उगते भगवान सूर्य को अर्ध्य देने तक किया जाता है।
छठ पूजा कैसे शुरू हुआ इसकी ऐतिहासिक कहानियां प्रचलित है?
हिन्दू पुराणों में छठ पूजा की पीछे की कहानी राजा प्रियवंत को लेकर है कहते है की राजा प्रियवंत को कोई संतान नहीं थी. तब महाऋषि कश्यप ने पुत्र की प्राप्ति के लिए यज्ञ करवाकर प्रियावन्त की पत्नी मालनी को आहुति के लिए बनाई गई खीर दी. इससे उन्हें पुत्र की प्राप्ति हुई लेकिन वो पुत्र मरा हुआ पैदा हुआ।
प्रियावन्त पुत्र को लेकर शमशान गयी और पुत्र योग में प्राण त्यागने लगी उसी वक्त भगवान की मानस पुत्री देवसेना प्रकट हुई और उन्होंने राजा से कहा की – क्योकि वो सृस्टि की मूल प्रवृति के छठे अंश से उत्तपन्न हुई है इसी कारण वो षष्ठी कहलाती है. परन्तु राजा को उनकी पूजा करने और दुसरो को पूजा के लिए प्रेरित करने के लिए कहा।
राजा प्रियवंत ने पुत्र इच्छा के कारण देवी षष्ठी की व्रत किया और उन्हें पुत्र की प्राप्ति हुई. कहते है की यह पूजा कार्तिक शुक्ल षष्ठी को हुई थी। तभी से छठ पूजा होती है.
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