नमस्कार सज्जनों आप सभी का ग्रह गोचर में स्वागत है फिर से आज हम बताने जा रहे है की मकर संक्रांति क्यों मनाया जाता है और इसका कारण क्या है चलिए दोस्तों जानते है।
आप भारत देश में शुरूवात के समय से ही प्रकृति को देवों का स्थान दिया गया है. और मकर संक्रांति का जो त्यौहार है वह भी प्राकृतिक को समर्पित है दरअशल ये एक पूरी तरिके से वैज्ञानिक त्यौहार है और सूर्य की जो स्तिथि बदलती है. उस रंग से इस त्यौहार को मनाया जाता है।
सनातन धर्म और हिन्दू धर्म के अनुसार भारतीय का प्रमुख पर्व मकर संक्रांति अलग-अलग राज्यों, शहरों और गावों में वहां के परम्परोओं के अनुसार मनाया जाता है।
कौन-कौन राज्यों में मनाए जाते है? मकर संक्रांति
मकर संक्रांति त्यौहार को विभिन्न राज्यों में अलग-अलग नामों से मनाया जाता है। जैसा की बिहार में इसे तिल संक्रांति के नाम से कहा जाता है, और उत्तर प्रदेश में मकर संक्रांति को खिचड़ी पर्व के रूप में मनाया जाता है।
और दोस्तों गुजरात और राजस्थान में इसे उत्तरायण पर्व के रूप में मनाया जाता है. ठीक इसी तरह से दोस्तों तमिलनाडु में किसानों का ये प्रमुख कोमल के रूप में मनाया जाता है. और इसे पंजाब में एक दिन पूर्व से लोहड़ी पर्व के रूप में धूम धाम से मनाया जाता है।
मकर संक्रांति पर्व को क्यों मनाया जाता है?
दोस्तों मकर संक्रांति के दिन सूर्य धनु राशि को छोड़कर मकर राशि में प्रवेश करता है इसलिए इस संक्रांति को मकर संक्रांति के नाम से जाना जाता है. दोस्तों राशि बदलने के साथ ही मकर संक्रांति के दिन सूर्य दशनायन से उत्तरनायन में प्रवेश करता है. वही जो है मकर संक्रांति के दिन से ही खरमास की समाप्ति और सूर्य कार्यों की शुरूवात हो जाती है।
उत्तररायण किसे कहते है? और दक्षिणायन किसे कहते है?
सूर्य जब मकर, कुम्भ, वृष्भ, मीन, मेष और मिथुन राशि में रहता है इस उत्तरनायन कहते है। और जब सूर्य बाकी राशियों से किसी कन्या, कर्क, तुला और धनु राशि में रहता है तब उसे दक्षिणायन कहते है।
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