नमस्कार दोस्तों आज के हमारे इस पोस्ट में हम आपके लिए पापमोचिनी एकादशी व्रत कब हैं? 2024 में पापमोचिनी एकादशी व्रत कब हैं? पापमोचिनी एकादशी व्रत क्यों रखा जाता हैं एवं इसका महत्व क्या हैं. आइए इन सभी जानकारियों के बारे में हम जानते हैं.
पापमोचिनी एकादशी व्रत क्यों रखा जाता हैं?
यह एकादशी व्रत चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की तिथि को पापमोचिनी एकादशी व्रत के नाम से जाना जाता हैं. इस व्रत को रखने से मनुष्य की पिछले कर्मों की हर एक पापों से नाश मिल जाता हैं और व्यक्ति अष्ट सिद्धियों का प्राप्त करता हैं.
पापमोचिनी एकादशी कथा के महत्व
आपको हम बता दें की पापमोचिनी एकादशी कथा के अनुसार अनेको वर्षों पूर्व देवताओं कोषाध्यक्ष कुबेर के पास एक चैत्र रथ नाम का उपवन था. जिस उपवन में भोलेनाथ के परम् भक्त मेधावी ऋषि तपस्या कर रहे थे. उसी के बीच अनेकों अफ़सरो ने उनकी तपस्या भंग करनी चाही लेकिन हो न सका. लेकिन इसके परिणाम स्वरुप मंजुघोषा नाम की एक अप्सरा ने ऋषि मुनि की सालों की तपस्या भंग करने में सफल रही.
यही कारण था की मेधावी ऋषि ने मंजुघोषा अप्सरा को श्राप देते हुए कहाँ की तुम पिशाच योनि में चली जाओगी। मुनि की बात सुनकर वह विन्रमता से बोली की हे मुनिवर मैंने आपके साथ अनेको वर्ष व्यतीत किए हैं मुझे पर दया कीजिए। इन्ही सभी के कारण मुनि बोले की तुमने मेरी सालों की तपस्या भंग की हैं.
मुनिवर ऋषि बोले की चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की पहला एकादशी जो पापों का नाश करती हैं अगर इस व्रत को रखा जाएं तो तुम्हे पिशाच योनि से निजात पा सकती हो.
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2024 में पापमोचिनी एकादशी ( Papmochani Ekadashi ) व्रत कब है
पापमोचनी एकादशी व्रत इस बार 4 अप्रैल 2024 दिन गुरुवार की शाम 4 बजकर 15 मिनट से होगी, जो अगले दिन 5 अप्रैल दिन शुक्रवार की दोपहर 1 बजकर 28 मिनट तक रहेगा।
पापमोचनी एकादशी शुभ मुहूर्त 2024 ( Papmochani Ekadashi Shubh Muhurat 2024 )
एकादशी शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 5 मिनट से शुरू होगा, जो सुबह 10 बजकर 48 मिनट तक रहेगा, और जो लोग इस पूजा मुहूर्त में नहीं कर पाएं हैं वह अभिजित मुहूर्त में भी पूजा कर सकते हैं, यह सुबह 11 बजकर 58 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 48 मिनट तक रहेगा।