नमस्कार दोस्तों आप सभी का स्वागत है ग्रह गोचर में आज हम जानेंगे की हरियाली तीज व्रत क्यों मनाया जाता है और इसके कौन-कौन से महत्त्व है. आइए जानते है विस्तार से,
हरियाली तीज व्रत सावन में पड़ने वाली महतपूर्ण तीज व्रत है जो की महिलाये अपने पति के लम्बी आयु के लिए तीज व्रत रखती है जैसा की आप जानते है की माता पार्वती शिव जी का पुर्नमिलन के प्रारूप से ही हरियाली तीज व्रत रखा जाता है.
क्यों मनाया जाता है हरियाली तीज ?
हिन्दू धर्म में हरियाली तीज का विशेष महत्व है की हरियाली तीज उत्तर भारत के कई राज्यों में मनाई जाती है. हरियाली तीज व्रत श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है. इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति के लम्बी आयु के लिए और उत्तम संतान के लिए व्रत करती है.
हरियाली तीज का विशेष महत्व ?
हरियाली तीज मनाने के पीछे भगवान शिव और माता पार्वती की कथा है. पौराणिक मान्यता के अनुसार हरियाली तीज को देवो के देव महादेव और माता पार्वती के मिलन का दिवस माना जाता है. शिव और शक्ति के मिलन श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीय तिथि को हुआ था. महादेव को पति रूप में पाने के लिए व्रत शिव पुराण में बताया गया है।
माँ पार्वती ने भगवान भोलेनाथ को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तप किया था. जबकि माँ पार्वती को भोलेनाथ की पत्नी बनने के लिए 108 जन्म लेने पड़े. शक्ति ने 107 जन्म तक महादेव को पाने के लिए कठोर तपश्या की और 108 जन्म में माता ने अपने तप से भगवान शिव को प्रसन्न कर लिया। महादेव ने शक्ति को अर्धांगी के रूप में स्वीकार कर लिया।
आशा और पूर्ण विश्वास है की हरियाली तीज व्रत की जानकारी अच्छी लगी होगी तो अपने दोस्तों और परिवारों के साथ शेयर करे.और कमेंट में अपनी राय जरूर दे. धन्यवाद !!