नमस्कार सज्जनों आप सभी का ग्रह गोचर में स्वागत है आज के लेख में हम बताने जा रहे है, की हिन्दुओं की पवित्र त्यौहार जो की श्री कृष्ण जन्माष्टमी क्यों और किस कारण मनाई जाती है. तो चलिए जानते है क्यों मनाई जाती है जन्माष्टमी ?
जन्माष्टमी हिन्दुओं में मनाया जाने वाला ये पर्व जिसे श्री कृष्ण जी के जन्म दिवस के रूप जाता है। पौराणिक ग्रंथो के अनुसार भगवान विष्णु ने इस धरती को पापियों से मुक्त करवाने के लिए भगवान कृष्ण के रूप में जन्म लिया था.
आखिर जन्माष्टमी कैसे और क्यों मनाई जाती है?
पहले बात करते है जन्माष्टमी अर्थात जन्म उत्सव क्या दोस्तों इस वर्ष जन्माष्टमी का त्यौहार 14 अगस्त को मनाया जाएगा। जन्माष्टमी आगमन से पहले ही उसकी तैयारियां जोर-शोर से आरम्भ हो जाती है. पुरे भारत वर्ष में इस त्यौहार का उत्साह देखने योग्य होता है, चारों और का वातावरण भगवान श्री कृष्ण के रंग में डूबा हुआ होता है. जन्माष्टमी पूर्ण आस्था एवं श्रद्धा के साथ मनाया जाता है।
श्री कृष्ण देवकी एवं वासुदेव के आठवें पुत्र थे, मथुरा नगरी का राजा कंश था. जो की बहुत अत्याचारी था. उसके अत्याचार दिन-प्रतिदिन बढ़ते जा रहे थे. एक समय आकाशवाणी हुई. तो उसकी बहन देवकी का आठवां पुत्र उसका वध करेगा। ये सुनकर कंश ने अपनी बहन देवकी के उनके पति वासुदेव सहित काल कोठरी में डाल दिया।
श्री कृष्ण जी का पालन पोषण कहा हुआ?
कंश ने देवकी के पहले साथ बच्चों को मार डाला जब की भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मध्य रात्रि को रोहिणी नक्षत्र में देवकी और वासुदेव के आठवें रूप में श्री कृष्ण का जन्म हुआ था. तब भगवान विष्णु ने वासुदेव को आदेश दिया की श्री कृष्ण को गोकुल में यशोदा माता और नन्द बाबा के पास पंहुचा दे. ताकि वे अपने मामा कंश से सुरक्षित रह सके। श्री कृष्ण का पालन पोषण यशोदा माता और नन्द बाबा के देख लेख में हुआ।
पंचामिरत से भगवान श्री कृष्ण एवं देवकी को सोने चांदी, तांबा, पीतल, मिट्ठी की मूर्ति की पूजा की जाती है. और यही कारण है की उनकी जन्म के ख़ुशी में श्री कृष्ण के रूप में प्रति वर्ष जन्माष्टमी का त्यौहार मनाया जाता है।
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