dussehra tyohar
विशेष जानकारी

क्यों मनाया जाता है दशहरा? Why Celebrate Dussehra Festival?

नमस्कार सज्जनों आप सभी का ग्रह गोचर में स्वागत है आज हम बात करने जा रहे है की क्यों मनाया जाता है दशहरा त्यौहार ? और देवी दुर्गा जी ने महिषासुर का वध क्यों किया ? आइए जानते है।

दशहरा हिंदुओ का एक प्रमुख त्यौहार है. अश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को आयोजन होता है, भगवान राम ने इसी दिन रावण का वध किया था. इसे असत्य पर सत्य की विजय के रूप में मनाया जाता है।

रावण को क्यों जलाया जाता है ?

राम-रावण युद्ध नवरात्रो में ही हुआ था. रावण की मृत्यु अष्टमी अव नवमी के संध्य काल में और दाह संस्कार दशमी तिथि को हुआ. इसके बाद विजय दशमी मनाने का उदेश्य रावण पर राम की जीत यानि असत्य पर सत्य की जीत हो गया आज भी सम्पूर्ण रामायण की रामलीला नवरात्रो में ही खेली जाती है, और दशवें दिन साय काल में रावण का पुतला जलाया जाता है, इस दौरान यह ध्यान रखा जाता है की दाह संस्कार के समय भद्रा न हो इसलिए दशमी को विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है।

दरअशल इसके पीछे एक रोचक कथा है प्राचीन काल में महिषासुर नाम का एक राक्षस था. महिषासुर का मतलब होता है जंगली ( भैसा ) उसने पुरे ब्रमांड में विजय पाने के लिए बर्ह्मा जी की कठोर तपस्या की उसके कठोर तपस्या से खुश होकर बर्ह्मा जी ने उसको सदैव अमर होने का वरदान दिया।

देवी दुर्गा जी ने महिषासुर को क्यों वध किया ?

वरदान प्राप्त करने के बाद महिषसुर और भी ज्यादा हिंसक हो गया उसने अपना आदत इतना ज्यादा फैलाया की सारे देवतागण उसके भय के कारण देवी दुर्गा की आराधना करने लगे. ऐसा माना जाता है की देवी दुर्गा की रचना करने में देवताओ का ही सहयोग था। महिषासुर के आतंक से बचने के लिए देवताओं ने अपने अस्त्र-शस्त्र देवी दुर्गा को दिए।

तब जाकर देवी दुर्गा और भी शक्तिशाली हो गई इसके बाद महिषासुर को समाप्त करने के लिए देवी दुर्गा ने महिषासुर के साथ नव दिनों तक युद्ध किया था और महिषासुर के वध करने के बाद देवी दुर्गा महिषासुर मर्दनी भी कहलाई तभी से नवरात्री का त्यौहार मनाया जाता है. और विजयादशमी का पर्व मनाया जाता है।

Graha Gochar
मै हूँ गुरु बाबा जो की उत्तरप्रदेश के आयोध्या में रहता हु और में इस वेबसाइट के मदद से आपको त्यौहार, शुभ मुहूर्त, राशिफल एवं कैलेंडर देने का प्रयास करता रहुँगा हमारे वेबसाइट ग्रह गोचर को फॉलो जरूर करे धन्यवाद !!
http://grahgochar.com

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *